Friday, 18 September 2020

कोरोना मुस्कान




          सरकारी हॉस्पिटल में एक व्यक्ति खांसता हुआ अंदर आया...सारा का सारा स्टाफ एकदम से सतर्क हो गया...सभी ने दौड़ कर उस व्यक्ति को पकड़ा। दूसरे ने उसके मुंह पर कसकर मास्क बांध दिया...डॉक्टर फटाफट उसका टेस्ट  करने में लग गए..उस व्यक्ति ने छटपटा कर लाख उनकी पकड़ से निकलने की कोशिश की परन्तु उसकी कोशिश नाकाम रही...उसने कुछ बताना चाहा पर किसी ने मुंह नही खोलने दिया..

जैसे तैसे उसका सैम्पल कलेक्ट हुआ और जांच के लिए भेज दिया गया...


     उसकी टेस्ट रिपोर्ट आई तो स्टॉफ ने राहत की सांस ली और उसे बताया गया कि चिंता करने की कोई बात नहीं है.. उसे कोरोना नहीं है...

डॉक्टर ने उससे बिगड़ते हुए पूछा कि तुम खांसते हुए अंदर क्यों आये थे..                            


       पहले से ही बौखलाया आदमी गुस्से में बड़बड़ाया हरामखोरों...मेरे छोटे भाई की बीवी यहाँ नर्स है.. हड़बड़ी में वो आज टिफिन नही लाई है ,मैं उसे देने आया था...और मैं जब भी छोटे भाई के घर जाता हूं तो खांस देता हूं ताकि बहू समझ जाये कि जेठजी आये हैं और वह सिर पर पल्लू रख ले....समझे! 


         सभी जेठजी से निवेदन है कि कृपया इस कोरोना काल में इस प्रथा का पालन न करें वरना घरवाले आपको कोरोना मरीज़ समझ कर क्वारंटाइन कर देंगे ..

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