Wednesday, 29 March 2023

श्री हनुमान प्रसाद पौद्दार जी


 ये वो हनुमान थे जिसने कलयुग में सनातन धर्म की जड़ो को फिर से सींचने का काम किया। स्व. श्री हनुमान प्रसाद पौद्दार जी जिन्होंने #गीता_प्रेस_गोरखपुर की स्थापना की ओर कलयुग में सनातन हिन्दुओ के घर घर मे वैदिक धर्म ग्रंथों, शास्त्रौ को पहुचाने का काम किया। आज हिन्दुओ के घर मे जो सनातन शास्त्र पहुच रहे है वो स्व श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार जी की देन है। वास्तव में हनुमान प्रसाद पोद्दार जी हनुमान ही थे जब हिन्दू समाज अपने ज्ञान , विज्ञान, गौरव को भुल अंग्रेजी सभ्यता का दास बन रहा था, तब इन्होंने हनुमान की भांति संजीवनी रुपी #गीता_प्रेस_गोरखपुर (सनातन शक्तिपुंज) की स्थापना कर जो सनातनियों को जड़ से जोड़े रखने का भगीरथी प्रयास किया । उसके लिए हिन्दू समाज हमेशा इनका ऋणी रहेगा। ऐसे धर्मरक्षक महावीरो को नई पीढ़ी द्वारा भूलना सिर्फ गलती नही महापाप होगा। इन लोगो ने अभावो में रहकर भी कैसे संस्थान खड़े किए होंगे जो सम्पूर्ण विश्व मे वैदिक धर्म ग्रंथ शास्त्र पहुचाने वाले सबसे बडे हिन्दू संस्थान बनकर उभरे। न पैसा न संसाधन फिर भी हिंदू समाज की आने वाली पीढ़ियों तक शास्त्रो का अमर ज्ञान पहुचाने के लिए अपना सबकुछ वार दिया। हनुमान प्रसाद पोद्दार जी जैसे महापुरुषों के द्वारा ही वह एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को ज्ञान पहुंचाने वाली ऋषि परम्परा जीवित है। जो समाज अपने इतिहास और महापुरुषों को भुल जाते है वो समाज कुछ समय में ही नष्ट हो जाता है , इसलिए हनुमान प्रसाद पोद्दार जी जैसे धर्म रक्षक धर्मात्माओ को कभी मत भूलो ये ही सनातन धर्म के इस अक्षय वृक्ष की जड़ है। कोटि कोटि नमन 🙏🙏

महान ऋषि पिप्पलाद

पिप्पलाद उपनिषद्‍कालीन एक महान ऋषि एवं अथर्ववेद का सर्व प्रथम संकलकर्ता थे। पिप्पलाद का शब्दार्थ, 'पीपल के फल खाकर जीनेवाला' (पिप्पल...